Shayari
“हर सुबह तेरी दुनिया में रोशनी कर दे
रब तेरे हर ग़म को खुशी कर दे
जब भी डूबने लगे तेरी साँसें
खुदा तुझमे शामिल मेरी ज़िंदगी कर दे”
“बरसात की हर बूँद में समाए हो तुम
मेरे दिल में खास जगह बनाए हो तुम
यूँ तो हमदर्द की कमी नहीं है मगर
न जाने क्यूँ आज बहुत याद आए हो तुम”
“हर सुबह तेरी दुनिया में रोशनी कर दे
रब तेरे हर ग़म को खुशी कर दे
जब भी डूबने लगे तेरी साँसें
खुदा तुझमे शामिल मेरी ज़िंदगी कर दे”
“बरसात की हर बूँद में समाए हो तुम
मेरे दिल में खास जगह बनाए हो तुम
यूँ तो हमदर्द की कमी नहीं है मगर
न जाने क्यूँ आज बहुत याद आए हो तुम”
“बस एक हाँ के इंतज़ार में रात यूँ ही गुज़र जाएगी
अब तो बस उलझनें हैं साथ मेरे, नींद कहाँ आएगी
सुबह की हर किरण न जाने कौन सा संदेशा लाएगी
रिमझिम सी गुनगुनाएगी या प्यास अधूरी रह जाएगी”
“रोज़ तारों की नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है, अंधेरों में निकल पड़ता है
उनकी याद आई है साँसों में ज़रा धीरे चलो
धड़कनो से भी इबादत में ख़लल पड़ता है”
अब तो बस उलझनें हैं साथ मेरे, नींद कहाँ आएगी
सुबह की हर किरण न जाने कौन सा संदेशा लाएगी
रिमझिम सी गुनगुनाएगी या प्यास अधूरी रह जाएगी”
“रोज़ तारों की नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है, अंधेरों में निकल पड़ता है
उनकी याद आई है साँसों में ज़रा धीरे चलो
धड़कनो से भी इबादत में ख़लल पड़ता है”